Edge Computing क्या है? Technology बहुत तेजी से डेवलप हो रही है ऐसे मे यूजर का डाटा भी बढ़ता जा रहा है, आपने कभी न कभी Cloud Computing के नाम ज़रूर सुना होगा Edge computing और क्लाउड कम्प्यूटिंग एक दूसरे के साथ बहुत हद तक जुड़े हुए है।
पर अगर आप नहीं जानते है की Edge Computing Kya Hai? एज कंप्यूटिंग का उपयोग कहां और कैसे किया जाता है? तो इस आर्टिकल के जरिए हम आपको Edge computing से संबंधित सारी जानाकारी आपको देंगे लेकिन एज कंप्यूटिंग के बारे में जानने से पहले आपको थोड़ा Cloud Computing के बारे में जानना चाहिए।
Cloud Computing के आने से डाटा अब सेंट्रलाइज्ड होकर क्लाउड्स में स्टोर होना शुरू हो गया है। इसी कारण हम अपने डाटा को कही से भीं आसानी से Access कर सकते है लेकिन user की संख्या काफी बढ़ गई है फिर भी सारा डाटा क्लाउड्स में ही process हो रहा है।
जहाँ क्लाउड सर्वर हैं वहां से सारा डाटा डिलीवर हो रहा है जिसके कारण बैंड-विथ (Bandwidth) बढ़ती जा रही है और इसकी Speed comparatively slow हो गई है। वहीं अगर यही data transaction किसी तरह local में होने लगे तो काम आसान और फ़ास्ट हो जायेगा।
इसी प्रोब्लम को सॉल्व करने के लिए Edge computing का इस्तेमाल किया जाता है। एज Computing का सबसे ज्यादा यूज Real Time Computing के लिए भी किया जाता है तो चलिए जानते है की Edge Computing क्या है?
Edge Computing क्या है? यह कैसे काम करता है?
Edge computing का पूरा नाम Enhanced Data Rates For GSM Architecture है जिसका इस्तेमाल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) पर आधारित मशीनों के लिए होता है। ये यूजर और सर्वर के बीच नेटवर्क पर कम्प्यूटेशन लाता है जिसके कारण ये लंबी दूरी में होने वाली संचार की मात्रा को कम करता है।
और यह Cloud Computing के ठीक उल्टा काम करता है, इसका उपयोग डाटा Computation आदि कामों के लिए किया जाता है।
बीते कुछ वर्षों मे वैश्विक स्तर पर Edge Computing के जरिए लाखों कंप्यूटर या अन्य मशीनों से डेटा को हैंडलिंग, प्रोसेसिंग और डिलीवर करने का काम किया जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा प्रयोग रियल टाइम कंप्यूटिंग (Real Time Computing), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things- IoT) आदि के लिए किया जाता है।
फास्ट नेटवर्किंग टेक्नोलोजी के समय में एज कंप्यूटिंग का इस्तेमाल रियल-टाइम एप्लीकेशन के निर्माण और उनके संचालन के लिए हो रहा है, इन्ही एप्लीकेशन मे वीडियो प्रोसेसिंग,Voice assistance, Streaming Services, Smart Homes, automatic car, Artificial Intelligence,एनालिटिक्स आदि edge computing के उदाहरण मे सामिल है।
Edge Computing कैसे काम करता है?

Edge computing data को फास्ट प्रोसेस करने के लिए यानी (Latency) और बैंडविड्थ उपयोग को कम करने के लिए Data Server को डेटा source के पास लाने का काम करता है। यानी की ये क्लाउड सर्वर पर कम प्रोसेस करता है और उन प्रोसेस को लोकल स्थानों पर ले जाता है ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि एप्लिकेशन का रीयल-टाइम डेटा प्रभावित न हो सके।
Latency यानी Real -Time में क्लाउड या Data center से कनेक्ट करने में हुई देरी को Latency कहते है और बैंडविड्थ Internet से कंप्यूटर पर डाटा ट्रांसफर रेट को दर्शाता है।
यूजर को डाटा कही दूर सर्वर से प्रॉसेस न होकर लोकल प्रॉसेसिंग के जरीए मिले, जिसके कारण कंपनियां अपना पैसे बचाये इसलिए वो edge Computing का इस्तेमाल करती है।
क्युकी Edge computing Centralized या Cloud-based लोकेशन पर प्रोसेस होने वाले वाले डेटा की मात्रा को कम कर देती है।
Users के द्वारा कंप्यूटर या किसी भी अप्लीकेशन पर जो डाटा प्रोड्यूस किया जाता है उसे संगठित करना एज कंप्यूटिंग का मुख्य काम है, उस डाटा को organized करने के बाद Internet, Ethernet, LAN आदि जैसे channel के जरिए सर्वर पर लाया जाता है, जहां डाटा को स्टोर किया जाता है।
एज कंप्यूटिंग को आप सबसे आसान भाषा मे ऐसे समझे की ये डेटा को Data Center के करीब लाने की बजाय, Data Center से स्टोरेज और Computing संसाधनों को ही Data के करीब लाता है।
एज कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के फायदे (Advantages of Edge Computing)
Cost effective (कम लागत): क्लाउड कंप्यूटिंग के मुकाबले Edge कंप्यूटिंग काफी सस्ता पड़ता है क्युकी क्लाउड कंप्यूटिंग मे अधिक मात्रा में डाटा स्टोर होता है जिसके करना बैंडविथ का उपयोग बढ़ जाता है।
और जिससे लागत बढ़ती है इसी लागत को कम करने के लिए एज कंप्यूटिंग का उपयोग करती है जो डाटा को क्लाउड पर स्टोर करने की बजाय लोकल सर्वर पर स्टोर करता है जिसके कारण लागत कम हो जाती है।
Speed: एज कंप्यूटिंग डाटा प्रोसेसिंग में दूरी कम करता है जिसके कारण डाटा की स्टोरिंग तेजी से कर सकते है। जहां पहले क्लाउड से डाटा को लेने में टाइम ज्यादा लगता था वहां Edge computing में सर्वर लोकल से डाटा रिट्रीव कर लेते हैं जिससे डाटा प्रोसेस होने में स्पीड कम लगती है और रियल टाइम प्रोसेसिंग फास्ट हो जाता है।
Secure: एज कंप्यूटिंग में सुरक्षा के काफी सॉलिड इन्तेजाम होते है क्योकि इसमें डाटा एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड रहता है जहां Cloud Computing में डेटा क्लाउड कम्प्यूटिंग से प्रोसेस होकर डेटा सर्वर तक जाता है। वही Edge Computing में डाटा लोकल सर्वर से ही मिल जाता है जिससे डाटा को कम दूरी तय करनी होती और जिसके कारण डेटा हैक या चोरी करना मुश्किल हों जाता है।
Time Saving: Edge कंप्यूटिंग समय को बचाता है क्युकी इसमें डाटा प्रोसेसिंग के लिए मशीनों को किसी क्लाउड स्टोरेज की जरूरत नही पड़ती। बल्कि Edge डिवाइस के जरिए लोकल लेवल पर ही डाटा को प्रोसेस और स्टोर कर दिया जाता है जिससे डाटा का रिट्रीवल जल्दी ही जाता है और टाइम और स्टोरेज कैपेसिटी दोनो बच जाती है।
Future Technology Enabled: आने वाले समय मे मशीन लर्निंग और AI टेक्नोलॉजी का काफी अधिक उपयोग किया जाने वाला हैं जिसके करना नए एज डिवाइस को बनाया जा रहा है। जिससे भविष्य मे इसका उपयोग ऑटोमेशन के लिए भी किया जा सकता है।
इसके अलावा आने वाले समय मे 5G टेक्नोलॉजी आ रही है, इस वजह से इसकी मांग और बढ़ जाएगी क्युकी ये लेटेंसी को कम कर करके डाटा प्रोसेसिंग स्पीड को बढ़ा देता है।
Facial Recognition Algorithm के अंतर्गत स्मार्टफोन किसी व्यक्ति के चेहरे की पहचान करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग पर बेस्ड सर्विस का उपयोग करता है जिसके कारण रिकग्निशन मे ज्यादा समय लगता है। वही स्मार्टफोन अगर एज कंप्यूटिंग का प्रयोग फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिथम के लिए करे तो वो स्वयं में उपस्थित या किसी स्थानीय एज सर्वर के प्रयोग से तुरंत उस व्यक्ति का फेस रिकग्निशन कर सकता है।
Edge Computing टेक्नोलॉजी के जरिए Self-Driving Cars,Automated Building System और Smart City जैसी अहम परियोजनाओं मे मदद मिलेगी।
- सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्या है? Software Engineer कैसे बने?
- डिजिटल इंडिया क्या है?
- PHP क्या है? पीएचपी कैसे काम करता है?
New Functionality: AI की बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ कंपनियाँ edge Computing को बढ़ावा देने के लिये छोटे चिप साइज के मॉड्यूल्स और एज डिवाइसेज़ बना रही है जिसका इस्तेमाल आने वाले समय मे चिकित्सीय यंत्रों, ड्रोन, रोबोट्स जैसे चीजों में हो सकता है और इन मशीनों को फिर डेटा प्रोसेसिंग के लिए किसी क्लाउड सर्वर की ज़रूरत नही परेगी।
एज कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी के नुक्सान (Disadvantages of Edge Computing)
Edge Computing टेक्नोलॉजी के बहुत सारे फायदे है तो कुछ नुक्सान भी जैसे की:
- Cloud Computing के कंपेरिजन मे एज कम्प्यूटिंग मे गोपनीयता कम होती है।
- एज कम्प्यूटिंग मे ज्यादा डिवाइस की जरूरत होती है क्युकी इसमें डेटा प्रोसेसिंग के लिए ज्यादा डिवाइस कनेक्ट रहते है, जिसकी वजह से इन्हें एनर्जी और बिजली की ज्यादा जरूरत होती है।
- एज कम्प्यूटिंग के कारण यूजर का डाटा पर कण्ट्रोल ना के बराबर होता है क्यूंकि इसमें डाटा का सारा कण्ट्रोल Edge Device के पास होता है।
- डेटा सुरक्षा के नजरिए से एज कम्प्यूटिंग की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया जाता रहा है। क्युकी इसमें डेटा संग्रह विभिन्न मशीनों के जरीए होता है वही cloud computing मे डाटा को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी Apple, Google, माइक्रोसॉफ्ट,अमेज़न जैसी कंपनिया के पास है।
Edge Computing vs Cloud Computing अंतर क्या है?
Edge computing और cloud computing में अंतर की बात करे तो:
- फ़ोन या कंप्यूटर की तरह क्लाउड कम्प्यूटिंग मे डाटा Memory card या हार्ड डिस्क मे स्टोर नही होता ये Data online Cloud में स्टोर होता है जिसके कारण आप पर्सनल जानकारी को आसानी से सुरक्षित सेव कर सकते और कही से भी एक्सिस कर सकते हैं। वही Edge Computing मे क्लाउड कंप्यूटिंग के विपरीत Computation संबंधित कामों के लिए डाटा को डिवाइसेज़ के निकट ही स्टोर किया है।Cloud Computing मे डेटा Clouds में प्रोसेस होता है जिसके कारण सभी डेटा cloud server में ही स्टोर होता है इसी कारण से डेटा को cloud server से लेन देन करने पर स्पीड स्लो हो जाता है वही इसी डेटा के लेन देन की गति को तेज करने के लिए Edge Computing लोकल में ही डेटा संगठन करता है जिससे एज कम्प्यूटिंग मे डेटा कि processing फ़ास्ट हो जाती है।
- Edge Computing जब इंटरनेट स्पीड स्लो होती है तब भी काम करता है लेकिन क्लाउड कम्प्यूटिंग ठीक से काम नहीं करता है।
- क्लाउड कम्प्यूटिंग मे डेटा को स्टोर किया जाता है वही एज कम्प्यूटिंग में डाटा को संगठित किया जाता है
- Cloud Computing मे डाटा का Travel टाइम ज्यादा होता है लेकिन एज कम्प्यूटिंग मे डाटा का ट्रैवल टाइम कम होता है। जिसके कारण एज मे latency और Bandwidth की दिक्कत नहीं होती और डाटा प्रोसेसिंग में अंतर ही जाता है
- एज कम्प्यूटिंग मे सिर्फ महत्वपूर्ण डेटा को क्लाउड पर share किया जाता है, इसी के कारण Data सर्वर पर जरुरत अनुसार होता है और आसानी से Access हो पाता है।
Frequently Asked Questions
Q1. एज कंप्यूटिंग का क्या अर्थ है?
Ans: एज कंप्यूटिंग मे डेटा को Data Center के करीब लाने की बजाय, Data Center से स्टोरेज और Computing संसाधनों को ही Data के करीब लाता है।
Q2. क्या एज कंप्यूटिंग एक डाटा सेंटर है?
Ans: एज कंप्यूटिंग छोटा डाटा सैंटर होता है जो एज नेटवर्क के नजदीक स्थित होता है।
Q3. क्या स्मार्टफोन एक एज डिवाइस है?
Ans: हां, स्मार्टफोन एक एज डिवाइस है?
Q4. क्या एज कंप्यूटिंग क्लाउड कंप्यूटिंग की जगह लेगी?
Ans: नहीं ये वास्तव में क्लाउड कंप्यूटिंग की जगह नहीं ले सकता है क्योंकि एक तरह से एज कंप्यूटिंग क्लाउड कंप्यूटिंग की प्रतिक्रिया है।
Q5. एज कंप्यूटिंग का भविष्य क्या है?
Ans: एज कंप्यूटिंग का भविष्य मे बहुत ज्यादा उपयोग मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी मे होगा और इससे सेल्फ ड्राइविंग, सेल्फ ऑटोमेटेड सिस्टीम और स्मार्ट जैसे योजना मे काफी काम आएगा।
निष्कर्ष
तो साथियों इस पोस्ट को पढ़ने के बाद Edge Computing क्या है? यह कैसे काम करता है? इस विषय पर जानकारी मिल गई होगी, अगर यह पोस्ट पसंद आया है तो यह जानकारी शेयर भी कर दें।